श्री कालरात्रिमानी स्तुति

कालरात्रिनी वात निराली, सतमी सजक्ति छे दुर्गानी

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Last updated on : Sun, 26-Mar-2023 Hindi-gujarati

कालरात्रिनी वात निराली, सतमी सजक्ति छे दुर्गानी (२)

कालो रंग छे जाणे अंधकार, वांकडिया विखरायेला वाल;

गलामा माला चमकनारी, कालरात्रिनी वात निराली.......१

श्वासोच्छवासमा अग्निज्वाला, त्रण नेत्रे विजली चमकारा,

सवारी गर्दभनी करवावाली, कालरात्रिनी वात निराली........२

वर मुद्राथी वर करे प्रदान, अभय मुद्राथी अभय दान;

कालरात्रि मा कटारवाली, कालरात्रिनी वात निराली......३

सतमा नोरते पूजन थाय, भुत-प्रेत सौ भागी जाय;

' गगजी 'ने अभय करनारी, कालरात्रिनी वात निराली........४